I love trans bbws so much. It’s a shame most trans women would rather be skin and bones.
हे भगवान, क्या हाल हो गया है! मैं शौचालय में हूँ, और यहाँ तो जैसे एक और ही दुनिया बस गई है। शौच का जो दृश्य सामने है, वह तो बिल्कुल अपारदर्शी पानी की तरह फैल गया है। हर जगह बस एक ही चीज़, और वह है—मल, और मल। शौचालय का एक कोना भी ऐसा नहीं जहाँ से यह संकट शुरू न हुआ हो। गंदगी ऐसी फैली है कि लगता है, जैसे शौच का एक विशाल महासागर उमड़ पड़ा हो। वो धार-धार बहती हुई मल की नदियाँ, जैसे किसी जंगली प्रवाह की तरह शौचालय के हर नुक्कड़ से बह रही हो। हर दीवार पर ऐसा मानो मल के छोटे-छोटे जलप्रपात उग आए हों। ऊपर से गंध तो जैसे किसी डाकू की तरह हमला कर रही हो, और मुझे समझ नहीं आ रहा कहाँ से सफाई शुरू करूँ। यही हाल था, जैसे शौचालय के भीतर ही एक मलबे का साम्राज्य फैल गया हो। हर कदम पर जैसे मल के गढ़ होते जा रहे हों। बस यही सोच रहा हूँ, अब इस स्थिति से बाहर कैसे निकलूँ