>>40718456 (OP)Sort of... I'm sorry but there's no better way to say this.
भारतीय ऋषियों ने सृष्टि की उत्पत्ति के संबंध में अन्तर्मुखी होकर खोज की तो पाया कि सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड मनुष्य शरीर में है। जब ऋषियों ने और गहन खोज की तो पाया कि इस जगत् का रचयिता ‘सहस्रार’ में स्थित है और उसकी शक्ति मूलाधार में। इन दोनों के कारण की संसार की रचना हुई।उस परम पुरूष की शक्ति उसके आदेश से नीचे उतरती गई। इसके चेतन होकर ऊर्ध्वगमन करते हुए सहस्रार में पहुँचने का नाम ही ‘मोक्ष’ है।